उन्हें सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। उनके पास बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड हैं, जिसमें दुनिया का सबसे तेज वन-डे इंटरनेशनल (ODI) 50, 100 और 150, एक दक्षिण अफ्रीकी द्वारा सबसे तेज टेस्ट शतक और एक दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज ट्वेंटी -20 अंतर्राष्ट्रीय (T20 अंतर्राष्ट्रीय) 50 शामिल हैं।
AB DEVILLIERS का पूरा नाम अब्राहम बेंजामिन डिविलियर्स है। उनका जन्म 17 फरवरी 1984 को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्राहम बेंजामिन और मां का नाम मिलिसा डिविलियर्स है।
एबी डिविलियर्स: क्रिकेट के जादूगर की कहानी
प्रारंभिक जीवन
AB DEVILLIERS का पूरा नाम अब्राहम बेंजामिन डिविलियर्स है। उनका जन्म 17 फरवरी 1984 को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्राहम बेंजामिन और मां का नाम मिलिसा डिविलियर्स है। एबी का परिवार खेलों के प्रति बहुत रुचि रखता था, इसलिए एबी ने भी बचपन से ही खेलों में रुचि दिखाई। उन्होंने स्कूल में कई खेल खेले, जिनमें रग्बी, टेनिस, और गोल्फ शामिल थे।
एबी की शिक्षा अफ्रीका के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक, अफ्रीकन स्कूल, प्रिटोरिया में हुई। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने खेलों में भी खुद को निखारा। हालांकि, क्रिकेट के प्रति उनका झुकाव सबसे अधिक था और यही कारण था कि उन्होंने इस खेल को अपना करियर बनाने का फैसला किया।
क्रिकेट करियर की शुरुआत
AB DEVILLIERS ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच 2003 में खेला था। उनकी प्रतिभा को जल्द ही पहचान मिल गई, और 2004 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। 20 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला।
एबी ने अपनी पहली ही श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया और टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए। उनका खेल का तरीका, जिसमें वह तेज और रचनात्मक तरीके से बल्लेबाजी करते थे, ने उन्हें जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक पहचान दिलाई।
टेस्ट क्रिकेट में योगदान
AB DEVILLIERS ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान एक सफल बल्लेबाज के रूप में बनाई। उनके पास तकनीकी कुशलता के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी थी। उन्होंने विभिन्न परिस्थितियों में खुद को साबित किया।
2008 में, उन्होंने भारत के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में पहली बार दोहरा शतक (217 रन) बनाया। यह उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इसके बाद, उन्होंने कई और टेस्ट मैचों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और दक्षिण अफ्रीका के लिए कई मैच जीतने में मदद की।
वनडे और टी20 करियर
वनडे और टी20 क्रिकेट में एबी डिविलियर्स की धाक जमाना शुरू हो गई थी। उनका आक्रामक बल्लेबाजी का तरीका उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग करता था।
एबी ने वनडे क्रिकेट में कई रिकॉर्ड बनाए, जिनमें सबसे तेज शतक (31 गेंदों में) और सबसे तेज 150 रन (64 गेंदों में) का रिकॉर्ड शामिल है। उनकी बल्लेबाजी का अंदाज इतना अनोखा था कि वे किसी भी समय मैच का रुख पलट सकते थे।
टी20 क्रिकेट में भी एबी का प्रदर्शन अद्वितीय रहा। उन्होंने कई मैचों में टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई बार अपनी टीम को जीत दिलाई। उनकी बल्लेबाजी की विविधता और तेजी उन्हें टी20 फॉर्मेट का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती थी।
आईपीएल और आरसीबी
AB DEVILLIERS का नाम आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) में भी बड़ा है। 2011 में, उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए खेलना शुरू किया और जल्द ही वे इस टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गए।
आरसीबी के लिए खेलते हुए, एबी ने कई यादगार पारियाँ खेली। विराट कोहली के साथ उनकी साझेदारी को आईपीएल के इतिहास की सबसे बेहतरीन साझेदारियों में से एक माना जाता है। उन्होंने आईपीएल में कई शतक और अर्धशतक बनाए, और आरसीबी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एबी डिविलियर्स का खेल का अंदाज
AB DEVILLIERS को उनके अनोखे बल्लेबाजी शैली के लिए जाना जाता है। वे 360 डिग्री बल्लेबाज के नाम से प्रसिद्ध हैं, क्योंकि वे मैदान के किसी भी हिस्से में शॉट खेलने की क्षमता रखते थे।
उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और तेजी से रन बनाने की क्षमता ने उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने कई मैचों में असंभव दिखने वाली परिस्थितियों में जीत दिलाई।
व्यक्तिगत जीवन
AB DEVILLIERS का व्यक्तिगत जीवन भी काफी प्रेरणादायक है। उन्होंने 2013 में अपनी प्रेमिका डेनियल से शादी की। उनके दो बेटे, अब्राहम और जॉन रिचर्ड, हैं।
एबी का परिवार हमेशा उनके साथ रहा है और उनकी सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। डेनियल ने हमेशा एबी को समर्थन दिया और उनके करियर के हर उतार-चढ़ाव में उनके साथ खड़ी रहीं।
संन्यास और इसके बाद
2018 में, एबी डिविलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। उनके इस निर्णय से उनके प्रशंसक बहुत निराश हुए, लेकिन एबी ने कहा कि यह उनके लिए एक कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय था।
संन्यास के बाद भी एबी आईपीएल और अन्य टी20 लीग्स में खेलते रहे। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से दर्शकों का मनोरंजन करना जारी रखा और कई मैचों में अपने पुराने अंदाज में खेला।
एबी डिविलियर्स की विरासत
एबी डिविलियर्स का नाम क्रिकेट इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उनकी बल्लेबाजी शैली, खेल के प्रति समर्पण और खेल भावना ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बना दिया।
उन्होंने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने क्रिकेट को एक नया दृष्टिकोण दिया। एबी के खेल का तरीका युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
एबी डिविलियर्स का खेल पर प्रभाव
एबी डिविलियर्स का खेल पर जो प्रभाव पड़ा है, वह केवल उनके रनों तक ही सीमित नहीं है। उनके खेल ने कई नए विचारों और तरीकों को जन्म दिया है। उन्होंने दिखाया कि क्रिकेट में नवाचार और रचनात्मकता के लिए कोई सीमा नहीं होती। उनकी 360 डिग्री खेलने की क्षमता ने बल्लेबाजों के लिए मैदान में नए कोणों को खोल दिया।
डिविलियर्स ने क्रिकेट में कई असंभव शॉट्स को संभव कर दिखाया। उनका “रिवर्स स्वीप” या “स्कूप शॉट” खिलाड़ियों और कोचों के लिए अध्ययन का विषय बन गए हैं। उनकी बल्लेबाजी ने यह भी दिखाया कि किसी भी गेंदबाज के खिलाफ आक्रामक खेलना संभव है, चाहे वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज ही क्यों न हो।
नेतृत्व की भूमिका
एबी डिविलियर्स न केवल एक महान बल्लेबाज थे, बल्कि वे एक बेहतरीन नेता भी थे। उन्होंने कई मौकों पर दक्षिण अफ्रीकी टीम की कप्तानी की और टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। उनके नेतृत्व में टीम ने कई बड़ी जीत हासिल की।
उनके नेतृत्व की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे अपने खिलाड़ियों को स्वतंत्रता देते थे, जिससे वे अपने स्वाभाविक खेल का प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों पर हमेशा विश्वास रखा और उन्हें प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में खेलते हुए खिलाड़ियों ने न केवल अच्छे प्रदर्शन किए, बल्कि उन्होंने खुद को बेहतर खिलाड़ी भी बनाया।
फील्डिंग में योगदान
एबी डिविलियर्स को उनकी बल्लेबाजी के अलावा उनकी फील्डिंग के लिए भी जाना जाता है। वे मैदान में किसी भी स्थान पर तैनात हो सकते थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण कैच पकड़े हैं। उनकी फुर्ती और चुस्ती ने उन्हें क्रिकेट के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में शामिल किया।
उनके द्वारा पकड़े गए कैच और उनकी तेजी से की गई रनिंग ने कई बार मैच का रुख बदला है। वे विकेट के पीछे भी उत्कृष्ट थे और उन्होंने कई बार विकेटकीपिंग की भी जिम्मेदारी निभाई है। उनकी फील्डिंग का अंदाज और उनके द्वारा की गई उत्कृष्ट फील्डिंग आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसी हुई है।
एबी डिविलियर्स के रिकॉर्ड
एबी डिविलियर्स ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनमें से कुछ प्रमुख रिकॉर्ड इस प्रकार हैं:
- सबसे तेज वनडे शतक: 2015 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ उन्होंने 31 गेंदों में शतक बनाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।
- सबसे तेज वनडे 150 रन: उन्होंने 2015 में ही वेस्ट इंडीज के खिलाफ 64 गेंदों में 150 रन बनाए, जो कि वनडे इतिहास में सबसे तेज है।
- सबसे तेज 50 रन: 16 गेंदों में 50 रन बनाकर उन्होंने यह कारनामा भी वेस्ट इंडीज के खिलाफ किया।
- टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक: भारत के खिलाफ 2008 में 217 रनों की पारी खेलकर उन्होंने अपने टेस्ट करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया।
- आईपीएल में अद्वितीय प्रदर्शन: डिविलियर्स ने आईपीएल में कई शानदार पारियाँ खेली हैं, जिसमें 2016 में गुजरात लॉयन्स के खिलाफ 129 रनों की नाबाद पारी शामिल है।
एबी डिविलियर्स और सामाजिक कार्य
एबी डिविलियर्स केवल क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहे हैं। उन्होंने सामाजिक कार्यों में भी अपनी भागीदारी निभाई है। वे कई चैरिटी संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद की है।
डिविलियर्स की सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि है और वे हमेशा समाज को कुछ वापस देने की सोच रखते हैं। उन्होंने अपनी लोकप्रियता का उपयोग अच्छे कामों के लिए किया है और उनकी इन गतिविधियों के कारण उन्हें और भी अधिक सम्मान मिला है।
एबी डिविलियर्स के संन्यास के बाद जीवन
संन्यास के बाद, एबी डिविलियर्स ने अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने का फैसला किया। हालांकि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हो गए, लेकिन उनकी खेल के प्रति दीवानगी अभी भी कायम है। वे टी20 लीग्स में खेलते रहे और क्रिकेट से जुड़े रहे।
डिविलियर्स ने संन्यास के बाद भी क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है। वे कोचिंग और मेंटरिंग के क्षेत्र में भी कदम रख सकते हैं। उनकी खेल की समझ और अनुभव से युवा खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।
एबी डिविलियर्स का वैश्विक प्रभाव
एबी डिविलियर्स का प्रभाव केवल दक्षिण अफ्रीका तक सीमित नहीं है। वे एक वैश्विक आइकन बन गए हैं। उनकी फैन फॉलोइंग दुनिया भर में है। भारत में उनकी लोकप्रियता अद्वितीय है, और वे भारतीय प्रशंसकों के बीच ‘मिस्टर 360’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।
उनकी खेल भावना और उनकी मेहनत ने उन्हें पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों का प्रिय बना दिया है। वे न केवल एक महान खिलाड़ी हैं, बल्कि एक महान इंसान भी हैं, जिन्होंने क्रिकेट को नए आयाम दिए हैं।
विरासत
एबी डिविलियर्स की विरासत हमेशा क्रिकेट के इतिहास में जीवित रहेगी। उन्होंने क्रिकेट में नवाचार और रचनात्मकता को एक नई दिशा दी है। उनकी बल्लेबाजी का तरीका, उनकी फील्डिंग, और उनकी खेल भावना उन्हें एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।
भविष्य में, जब भी क्रिकेट की बात होगी, एबी डिविलियर्स का नाम अवश्य लिया जाएगा। उनके योगदान और उनके खेल को याद किया जाएगा। वे आज भी उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं जो क्रिकेट को अपने जीवन का उद्देश्य बनाना चाहते हैं।