रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करता है। इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
रक्षाबंधन का महत्व और परंपराएँ:
पर्व का महत्व:
रक्षाबंधन का अर्थ है ‘रक्षा का बंधन’। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन 2024 का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:
रक्षाबंधन तिथि:
शुभ मुहूर्त:
भद्रा काल:
- राखी बांधने का समय: सुबह 09:01 बजे से शाम 07:17 बजे तक
- अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01:47 बजे से 04:27 बजे तक
- प्रदोष मुहूर्त: शाम 06:00 बजे से 07:17 बजे तक
- भद्रा काल: 18 अगस्त 2024 को रात 10:15 बजे से 19 अगस्त 2024 को सुबह 09:01 बजे तक
- भद्रा पूंछ: 19 अगस्त 2024 को सुबह 06:59 बजे से 09:01 बजे तक
राखी बांधने के लिए भद्रा काल से बचना चाहिए, इसलिए 19 अगस्त 2024 को सुबह 09:01 बजे के बाद राखी बांधना शुभ माना जाएगा।
धार्मिक और ऐतिहासिक कथाएँ:
- भगवान कृष्ण और द्रौपदी: जब भगवान कृष्ण की उंगली से खून बह रहा था, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया था। इस घटना के बाद, कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था।
- इंद्र और शची: पुराणों में उल्लेख है कि जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था, तब इंद्र की पत्नी शची ने एक पवित्र धागा, जिसे रक्षा सूत्र कहा जाता है, बांधकर उनकी रक्षा की थी।
परंपराएँ:
- राखी बांधना: बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाई खिलाती हैं।
- तिलक और आरती: भाई की आरती उतारी जाती है और उसके माथे पर तिलक लगाया जाता है।
- उपहार और वचन: भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
उत्सव की तैयारी:
- राखी खरीदना: बाजारों में रंग-बिरंगी राखियों की खरीददारी होती है।
- मिठाइयाँ और पकवान: इस दिन विशेष मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं।
- पूजा की थाली: राखी बांधने के लिए पूजा की थाली तैयार की जाती है, जिसमें राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखी जाती है।
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है और इसे पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।