Stock Market Highlights: अंत में सेंसेक्स 349.05 अंक यानी 0.43 फीसदी की बढ़त के साथ 82,134.61 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 99.60 अंक यानी 0.4 फीसदी की बढ़त के साथ 25151.95 के स्तर पर बंद हुआ
भारतीय Stock Market में 29 अगस्त 2024 को एक शानदार तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स 350 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ और निफ्टी 25,150 के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी का माहौल रहा।
भारतीय शेयर बाजार में 29 अगस्त 2024 को एक शानदार तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स 350 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ और निफ्टी 25,150 के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी का माहौल रहा। बाजार में यह तेजी वैश्विक संकेतों और कुछ घरेलू कारकों के चलते आई, जिनमें प्रमुख थे महंगाई दर में कमी, रुपये में स्थिरता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार खरीदारी।
सेंसेक्स और निफ्टी की प्रदर्शन
29 अगस्त 2024 को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने दिन की शुरुआत मजबूत नोट के साथ की। शुरुआती सत्र में ही सेंसेक्स 100 अंकों की बढ़त के साथ खुला और पूरे दिन के कारोबार में 350 अंक तक की बढ़त दर्ज की। सेंसेक्स दिन के उच्चतम स्तर 67,500 अंकों तक भी पहुंचा। वहीं निफ्टी ने 100 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की और 25,150 पर बंद हुआ। निफ्टी का उच्चतम स्तर 25,200 के पास रहा, जो इस सूचकांक के लिए एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर माना जा रहा है।
एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती
इस तेजी में सबसे बड़ा योगदान एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों का रहा। एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, डाबर और मैरिको के शेयरों में अच्छी तेजी देखी गई। आईटीसी का शेयर 5% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 3% की तेजी रही। इस सेक्टर में तेजी का मुख्य कारण त्योहारों का मौसम नजदीक आना और ग्रामीण मांग में सुधार है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति के आंकड़ों में गिरावट और FMCG उत्पादों की कीमतों में स्थिरता भी इस सेक्टर को समर्थन दे रही है।
बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर का प्रदर्शन
एफएमसीजी के अलावा बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी बाजार में सकारात्मक योगदान दिया। बैंकिंग सेक्टर में एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई। एचडीएफसी बैंक का शेयर 2% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि एसबीआई में 1.5% की तेजी रही। ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स के शेयरों में 2-3% की बढ़त देखी गई। टाटा मोटर्स के शेयर में तेजी का मुख्य कारण कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों की नई श्रृंखला की घोषणा थी, जिससे निवेशकों का रुझान बढ़ा।
आईटी और मेटल सेक्टर में गिरावट
हालांकि, आईटी और मेटल सेक्टर में कुछ कमजोरी देखी गई। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के शेयरों में हल्की गिरावट आई, जो प्रमुखतः डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के कारण थी। आईटी सेक्टर की कंपनियां आमतौर पर निर्यात पर निर्भर होती हैं, और रुपये की मजबूती उनके मुनाफे पर दबाव डालती है। मेटल सेक्टर में भी कमजोर वैश्विक मांग और चीन के आर्थिक आंकड़ों में गिरावट के कारण हल्की बिकवाली का दौर जारी रहा। टाटा स्टील और हिंडाल्को के शेयरों में 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
वैश्विक संकेत और एफआईआई की भूमिका
इस तेजी का एक प्रमुख कारण वैश्विक संकेत भी रहे। अमेरिका, यूरोप और एशिया के प्रमुख बाजारों में भी सकारात्मक रुझान दिखा, जिससे भारतीय बाजारों को समर्थन मिला। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार खरीदारी ने बाजार में तेजी को मजबूती दी। पिछले कुछ हफ्तों से FII की ओर से भारतीय इक्विटी बाजारों में अच्छी खरीदारी हो रही है, जिससे सेंटीमेंट मजबूत हुआ है।
भारतीय रुपये की स्थिति
रुपये की स्थिति भी बाजार के लिए अनुकूल रही। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हुआ और 73.50 के आसपास बंद हुआ। रुपये की मजबूती का एक कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी रही। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से भारत की आयात लागत में कमी आई है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है।
टेक्निकल दृष्टिकोण
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, निफ्टी ने 25,000 के ऊपर बंद करके एक मजबूत संकेत दिया है। अगर निफ्टी अगले कुछ सत्रों में 25,200 का स्तर पार करता है, तो यह 25,500 तक भी जा सकता है। दूसरी ओर, सेंसेक्स के लिए 67,500 एक महत्वपूर्ण स्तर है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सेंसेक्स इस स्तर को पार करता है, तो बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, 66,500 का स्तर एक महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र है, जहां अगर बाजार में कोई गिरावट आती है तो इसे ध्यान में रखना होगा।
बाजार के आगे के संकेत
आने वाले दिनों में बाजार पर कई कारक प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं वैश्विक मुद्रास्फीति के आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान, और घरेलू स्तर पर मानसून की स्थिति। इसके अलावा, त्योहारों के मौसम में एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में और भी तेजी देखने को मिल सकती है। निवेशकों को इस समय सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी जाती है, खासकर उन सेक्टरों में जो मौसमी मांग पर निर्भर हैं।
भारतीय शेयर बाजार में 29 अगस्त 2024 को एक शानदार तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स 350 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ और निफ्टी 25,150 के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त खरीदारी का माहौल रहा। बाजार में यह तेजी वैश्विक संकेतों और कुछ घरेलू कारकों के चलते आई, जिनमें प्रमुख थे महंगाई दर में कमी, रुपये में स्थिरता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार खरीदारी।
सेंसेक्स और निफ्टी की प्रदर्शन
29 अगस्त 2024 को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने दिन की शुरुआत मजबूत नोट के साथ की। शुरुआती सत्र में ही सेंसेक्स 100 अंकों की बढ़त के साथ खुला और पूरे दिन के कारोबार में 350 अंक तक की बढ़त दर्ज की। सेंसेक्स दिन के उच्चतम स्तर 67,500 अंकों तक भी पहुंचा। वहीं निफ्टी ने 100 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की और 25,150 पर बंद हुआ। निफ्टी का उच्चतम स्तर 25,200 के पास रहा, जो इस सूचकांक के लिए एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर माना जा रहा है।
एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती
इस तेजी में सबसे बड़ा योगदान एफएमसीजी सेक्टर के शेयरों का रहा। एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, डाबर और मैरिको के शेयरों में अच्छी तेजी देखी गई। आईटीसी का शेयर 5% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 3% की तेजी रही। इस सेक्टर में तेजी का मुख्य कारण त्योहारों का मौसम नजदीक आना और ग्रामीण मांग में सुधार है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति के आंकड़ों में गिरावट और FMCG उत्पादों की कीमतों में स्थिरता भी इस सेक्टर को समर्थन दे रही है।
बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर का प्रदर्शन
एफएमसीजी के अलावा बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर ने भी बाजार में सकारात्मक योगदान दिया। बैंकिंग सेक्टर में एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई। एचडीएफसी बैंक का शेयर 2% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि एसबीआई में 1.5% की तेजी रही। ऑटोमोबाइल सेक्टर में मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स के शेयरों में 2-3% की बढ़त देखी गई। टाटा मोटर्स के शेयर में तेजी का मुख्य कारण कंपनी की इलेक्ट्रिक वाहनों की नई श्रृंखला की घोषणा थी, जिससे निवेशकों का रुझान बढ़ा।
आईटी और मेटल सेक्टर में गिरावट
हालांकि, आईटी और मेटल सेक्टर में कुछ कमजोरी देखी गई। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के शेयरों में हल्की गिरावट आई, जो प्रमुखतः डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती के कारण थी। आईटी सेक्टर की कंपनियां आमतौर पर निर्यात पर निर्भर होती हैं, और रुपये की मजबूती उनके मुनाफे पर दबाव डालती है। मेटल सेक्टर में भी कमजोर वैश्विक मांग और चीन के आर्थिक आंकड़ों में गिरावट के कारण हल्की बिकवाली का दौर जारी रहा। टाटा स्टील और हिंडाल्को के शेयरों में 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
वैश्विक संकेत और एफआईआई की भूमिका
इस तेजी का एक प्रमुख कारण वैश्विक संकेत भी रहे। अमेरिका, यूरोप और एशिया के प्रमुख बाजारों में भी सकारात्मक रुझान दिखा, जिससे भारतीय बाजारों को समर्थन मिला। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार खरीदारी ने बाजार में तेजी को मजबूती दी। पिछले कुछ हफ्तों से FII की ओर से भारतीय इक्विटी बाजारों में अच्छी खरीदारी हो रही है, जिससे सेंटीमेंट मजबूत हुआ है।
भारतीय रुपये की स्थिति
रुपये की स्थिति भी बाजार के लिए अनुकूल रही। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हुआ और 73.50 के आसपास बंद हुआ। रुपये की मजबूती का एक कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी रही। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से भारत की आयात लागत में कमी आई है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है।
टेक्निकल दृष्टिकोण
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, निफ्टी ने 25,000 के ऊपर बंद करके एक मजबूत संकेत दिया है। अगर निफ्टी अगले कुछ सत्रों में 25,200 का स्तर पार करता है, तो यह 25,500 तक भी जा सकता है। दूसरी ओर, सेंसेक्स के लिए 67,500 एक महत्वपूर्ण स्तर है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सेंसेक्स इस स्तर को पार करता है, तो बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, 66,500 का स्तर एक महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र है, जहां अगर बाजार में कोई गिरावट आती है तो इसे ध्यान में रखना होगा।
बाजार के आगे के संकेत
आने वाले दिनों में बाजार पर कई कारक प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं वैश्विक मुद्रास्फीति के आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान, और घरेलू स्तर पर मानसून की स्थिति। इसके अलावा, त्योहारों के मौसम में एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में और भी तेजी देखने को मिल सकती है। निवेशकों को इस समय सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी जाती है, खासकर उन सेक्टरों में जो मौसमी मांग पर निर्भर हैं।
एफएमसीजी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन
एफएमसीजी सेक्टर में कई कंपनियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, जिनमें प्रमुख नाम थे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी (ITC), डाबर (Dabur), और मैरिको (Marico)। इन कंपनियों के शेयरों में तेजी का मुख्य कारण त्योहारों के सीजन की शुरुआत और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग है। आइए, इन कंपनियों के प्रदर्शन पर विस्तार से नजर डालते हैं:
- हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL): यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से