नासा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि एक विशालकाय Steroids (क्षुद्रग्रह) पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाला है। यह खबर विश्वभर के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। नासा के वैज्ञानिकों ने इस ऐस्टरॉयड की ट्रैकिंग करते हुए इसकी दिशा, गति और पृथ्वी से दूरी का सही अनुमान लगाया है। हालांकि, यह ऐस्टरॉयड पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है, लेकिन इसके टकराने की संभावना नहीं है।
नासा के मुताबिक, 720 फुट का विशाल Steroids 15 सितंबर, 2024 को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाला है. नासा इस पर बारीकी से नजर रखे हुए है.
Steroids क्या होता है?
ऐस्टरॉयड्स छोटे या बड़े चट्टानी पिंड होते हैं, जो मुख्यतः मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच की ऐस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं। ये पिंड सौर मंडल की शुरुआत से बचे हुए अवशेष माने जाते हैं। इनका आकार छोटा से लेकर विशाल तक हो सकता है, और कई बार ये पृथ्वी की कक्षा के करीब आ जाते हैं। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां नियमित रूप से ऐसे ऐस्टरॉयड्स पर नज़र रखती हैं, जो संभावित रूप से पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं।
इस Steroids का नाम और विवरण
इस बार नासा द्वारा अलर्ट किया गया ऐस्टरॉयड ‘2012 TC4’ नामक क्षुद्रग्रह है, जिसका आकार लगभग 100-200 फीट (30-60 मीटर) के बीच है। यह ऐस्टरॉयड काफी तेज गति से अंतरिक्ष में घूमते हुए पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह क्षुद्रग्रह अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। इसकी दूरी पृथ्वी से करीब 42,000 किलोमीटर होगी, जो कि हमारे ग्रह के लिए सुरक्षित मानी जाती है।
नासा का अलर्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
ऐस्टरॉयड्स पर नज़र रखना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर इनमें से कोई पृथ्वी से टकराता है, तो यह भारी तबाही मचा सकता है। इस ऐस्टरॉयड की गति और पृथ्वी से उसकी दूरी को ध्यान में रखते हुए, नासा ने इसे “नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट” (NEO) के रूप में वर्गीकृत किया है। नासा का NEO कार्यक्रम लगातार इन पिंडों पर नज़र रखता है और उनके संभावित खतरों का आकलन करता है। इस ऐस्टरॉयड के बारे में अलर्ट इसलिए जारी किया गया है ताकि वैज्ञानिक इससे जुड़ी सभी जानकारियाँ एकत्र कर सकें और इसे बेहतर तरीके से समझ सकें।
क्या Steroids से कोई खतरा है?
हालांकि इस ऐस्टरॉयड के पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन इसकी दूरी इतनी कम होगी कि इसे संभावित रूप से खतरनाक माना जा सकता है। नासा के अनुसार, यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा, लेकिन इससे कोई नुकसान होने की आशंका नहीं है। हालांकि, अगर ऐस्टरॉयड का रास्ता बदल जाता है या कोई अप्रत्याशित घटना घटती है, तो नासा इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
Steroids का अध्ययन कैसे किया जाता है?
ऐस्टरॉयड्स का अध्ययन करना वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। इनका अध्ययन मुख्य रूप से रेडार तकनीक के माध्यम से किया जाता है। जब कोई ऐस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आता है, तो वैज्ञानिक इसके रास्ते, गति, आकार, और संरचना का विश्लेषण करते हैं। इससे हमें सौर मंडल की उत्पत्ति, ग्रहों के विकास, और पृथ्वी पर संभावित खतरों को समझने में मदद मिलती है।
नासा के भविष्य के प्रयास
ऐस्टरॉयड्स की ट्रैकिंग नासा के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। नासा का DART (Double Asteroid Redirection Test) मिशन इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इस मिशन का उद्देश्य एक ऐस्टरॉयड को उसकी कक्षा से बाहर खींचकर पृथ्वी से टकराने से रोकना है। इस तकनीक का परीक्षण सफल होने पर, भविष्य में संभावित खतरनाक ऐस्टरॉयड्स को पृथ्वी से दूर किया जा सकेगा।