Independence Day इसे सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं।
अगस्त का इतिहास Independence Day
Independence Day 15 अगस्त भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, क्योंकि इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व पूरे देश में जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
प्रस्तावना
Independence Day
15 अगस्त भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, क्योंकि इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व पूरे देश में जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्वतंत्रता आंदोलन का प्रारंभ Independence Day
भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का इतिहास लंबा और संघर्षमय रहा है। 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 तक, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन कई चरणों से गुजरा। 1857 की क्रांति को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में जाना जाता है। इस क्रांति में भारतीय सैनिकों, किसानों, और आम जनता ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था। हालाँकि, यह क्रांति सफल नहीं हो पाई, लेकिन इसने भारतीय जनता के दिलों में स्वतंत्रता की भावना को जाग्रत कर दिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना हुई, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक संगठित रूप दिया। कांग्रेस के माध्यम से भारतीय नेताओं ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता की मांग की। बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गांधीजी का नेतृत्व
महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर आधारित आंदोलन चलाया। 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद, गांधीजी ने असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन को झकझोर कर रख दिया और भारतीय जनता में एकता और जागरूकता की भावना को मजबूत किया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन
1930 में गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की, जिसके तहत उन्होंने नमक सत्याग्रह किया। इस आंदोलन में लाखों भारतीयों ने भाग लिया और ब्रिटिश कानूनों का उल्लंघन किया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से गांधीजी ने अंग्रेजों से भारत छोड़ने की मांग की। यह आंदोलन बेहद प्रभावी साबित हुआ और ब्रिटिश शासन की जड़ों को हिला कर रख दिया।
स्वतंत्रता की ओर कदम
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन की स्थिति कमजोर हो गई। भारतीय नेताओं ने स्वतंत्रता की मांग को और तेज कर दिया। 1946 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच कई बातचीत हुईं, लेकिन विभाजन की मांग ने स्थिति को जटिल बना दिया। अंततः, 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्र बने।
स्वतंत्रता की घोषणा
15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा की। उन्होंने अपने प्रसिद्ध भाषण ‘त्रिस्ट विद डेस्टिनी’ में कहा:
“At the stroke of the midnight hour, when the world sleeps, India will awake to life and freedom.”
इस घोषणा के साथ ही भारतीय जनता ने स्वतंत्रता की सांस ली और देश भर में खुशियों का माहौल छा गया।
स्वतंत्रता दिवस का उत्सव Independence Day
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को भारत स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का आरोहण, परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति गीतों का आयोजन होता है। प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हैं और देश की प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा करते हैं।
विभाजन का दुख
स्वतंत्रता के साथ ही भारत का विभाजन भी हुआ। भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र बने। विभाजन ने लाखों लोगों को अपने घरों से विस्थापित किया और भारी हिंसा और सांप्रदायिक दंगों का कारण बना। यह विभाजन भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक काला अध्याय है।
स्वतंत्रता के बाद की चुनौतियाँ
स्वतंत्रता के बाद भारत के सामने कई चुनौतियाँ थीं। देश को एकजुट करना, आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करना प्रमुख चुनौतियाँ थीं। भारतीय नेताओं ने इन चुनौतियों का सामना किया और देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया।
भारत की प्रगति
स्वतंत्रता के बाद से भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। कृषि, उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। भारत का संविधान, जो 1950 में लागू हुआ, देश को लोकतंत्र और कानून के शासन के आधार पर संचालित करता है।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व Independence Day
स्वतंत्रता दिवस केवल एक छुट्टी नहीं है, बल्कि यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और वीर जवानों के बलिदान की याद दिलाता है। यह दिन हमें हमारे देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रेरित करता है। स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है और हमें एक बेहतर और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करता है।