डेली स्टार’ अखबार ने खबर दी है कि इन दोनों मामलों के साथ ही Sheikh Hasina के विरूद्ध दर्ज मामले 84 हो गये हैं, जिनमें हत्या के आरोप के 70, मानवता के
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के खिलाफ नए हत्या के मामलों की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक और कानूनी स्थिति में एक नई बहस छिड़ गई है। शेख हसीना, जो वर्तमान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं, उनके खिलाफ देश में कुल 84 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से दो नए हत्या के मामले हाल ही में सामने आए हैं। इस लेख में, हम शेख हसीना के राजनीतिक जीवन, उनके खिलाफ दर्ज मामलों, और नए मामलों की गहन पड़ताल करेंगे।
Sheikh Hasina का प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को बांग्लादेश के तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के गोपालगंज जिले में हुआ था। वह बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और राष्ट्रपिता, शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं। शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए, शेख हसीना ने राजनीति में प्रवेश किया और बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी से जुड़ीं।
शेख हसीना का राजनीतिक सफर कठिनाइयों से भरा रहा है। 15 अगस्त 1975 को उनके पिता और परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उस समय शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना जर्मनी में थीं, इसलिए वे इस भयावह घटना से बच गईं। इसके बाद शेख हसीना ने अवामी लीग पार्टी की कमान संभाली और 1981 में वह पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं।
Sheikh Hasina के खिलाफ मामलों की पृष्ठभूमि
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की शुरुआत उनके राजनीतिक करियर के दौरान ही हो गई थी। विपक्षी दलों ने उन पर विभिन्न आरोप लगाए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार, सत्ता का दुरुपयोग, और हिंसा से जुड़े मामले शामिल हैं। विपक्षी दलों का दावा है कि शेख हसीना ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को दबाने के लिए कानून का दुरुपयोग किया है। हालांकि, शेख हसीना और उनकी पार्टी ने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज 84 मामलों में से कई मामले गंभीर अपराधों से जुड़े हैं, जिनमें हत्या, हिंसा, और दंगा भड़काने के आरोप शामिल हैं। इनमें से कुछ मामलों में उन्हें कोर्ट द्वारा निर्दोष करार दिया गया है, जबकि कई मामले अभी भी लंबित हैं।
नए हत्या के मामले
हाल ही में शेख हसीना के खिलाफ दो नए हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों का संबंध पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश में हुई राजनीतिक हिंसा से है। विपक्षी दलों का आरोप है कि शेख हसीना के कार्यकाल में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसक घटनाओं के दौरान कई लोगों की मौत हुई है। इन घटनाओं की जांच के बाद इन नए मामलों की एफआईआर दर्ज की गई है।
मामला 1: राजनीतिक रैली में हिंसा
पहला मामला 2022 में ढाका में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है। विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आरोप लगाया है कि शेख हसीना की पार्टी के समर्थकों ने उस रैली में शामिल होने वाले उनके कार्यकर्ताओं पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप दो लोगों की मौत हो गई। इस घटना की जांच के बाद, शेख हसीना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
मामला 2: चुनावी हिंसा
दूसरा मामला 2023 के आम चुनावों के दौरान हुई हिंसा से संबंधित है। विपक्षी दलों का दावा है कि शेख हसीना की सरकार ने चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए हिंसा का सहारा लिया, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई। इस मामले में भी शेख हसीना पर हत्या का आरोप लगाया गया है।
कानूनी स्थिति
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की बढ़ती संख्या ने बांग्लादेश की राजनीतिक और कानूनी प्रणाली को एक बार फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है। विपक्षी दलों का कहना है कि शेख हसीना ने सत्ता में रहते हुए कानूनी प्रक्रियाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है, जिससे उनके खिलाफ दर्ज मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई है। दूसरी ओर, शेख हसीना और उनकी पार्टी का दावा है कि यह सब राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और उन्हें बदनाम करने के लिए विपक्षी दल इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज इन मामलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा और कानून के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि बांग्लादेश में कानून और न्यायिक प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी राजनेता को राजनीतिक प्रतिशोध का सामना न करना पड़े।
Sheikh Hasina का बचाव
शेख हसीना ने इन नए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि विपक्षी दल बांग्लादेश में शांति और स्थिरता को भंग करने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से बांग्लादेश के नागरिकों के हित में काम करती रही हैं और उनके खिलाफ दर्ज ये मामले राजनीतिक दुश्मनी का परिणाम हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने देश में विकास और आर्थिक प्रगति के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे विपक्षी दल असहज हो गए हैं।
विपक्ष का रुख
विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी ने शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर देशव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि शेख हसीना ने सत्ता का दुरुपयोग किया है और वह बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं। विपक्षी नेताओं का यह भी आरोप है कि शेख हसीना ने न्यायिक प्रक्रिया को अपने नियंत्रण में कर लिया है, जिससे निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद कम हैं।
Sheikh Hasina की चुनौतियाँ और राजनीतिक परिदृश्य
शेख हसीना, जिन्होंने बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई चुनौतियों का सामना कर चुकी हैं। 2009 से अब तक, वह लगातार प्रधानमंत्री पद पर बनी हुई हैं और इस दौरान उन्होंने देश के विकास और स्थिरता के लिए कई प्रयास किए हैं। हालांकि, उनके शासनकाल में विपक्षी दलों द्वारा बार-बार यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग करते हुए अपने विरोधियों को दबाने के लिए कानूनी मामलों का सहारा लिया है। शेख हसीना पर भ्रष्टाचार, हत्या, और दमन के कई आरोप लगाए गए हैं, जो उनकी छवि को धूमिल करते हैं।
वर्तमान में, जिन दो नए हत्या के मामलों का सामना शेख हसीना कर रही हैं, वे उनकी सरकार की छवि के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। इन मामलों में विपक्ष का आरोप है कि शेख हसीना की सरकार ने लोकतंत्र का दमन करते हुए चुनावों में हिंसा भड़काई और निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल रही। इन आरोपों के साथ ही शेख हसीना की सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है,