अमिताभ बच्चन: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन आज तक अपने गांव नहीं गए. प्रतापगढ़ में पड़ने वाला यह गांव बच्चन का पुश्तैनी गांव हैं. जहां इनके पिता हरिवंश राय का जन्म भी हुआ था
अमिताभ बच्चन, जिन्हें भारतीय सिनेमा का ‘शहंशाह’ कहा जाता है, एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने बॉलीवुड में दशकों तक अपनी अदाकारी और अपनी दमदार आवाज़ से धाक जमाई है। उनका व्यक्तित्व और योगदान न केवल फिल्मी दुनिया में बल्कि भारतीय समाज में भी अपार है। अमिताभ का नाम सुनते ही एक बड़ी शख्सियत, एक अभिनेता, और एक सम्मानित व्यक्ति का चेहरा हमारे सामने आता है। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे और उनकी माता तेजी बच्चन समाजसेवी थीं।
अमिताभ बच्चन की जीवनी और नेट वर्थ
अमिताभ बच्चन, जिन्हें भारतीय सिनेमा का ‘शहंशाह’ कहा जाता है, एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने बॉलीवुड में दशकों तक अपनी अदाकारी और अपनी दमदार आवाज़ से धाक जमाई है। उनका व्यक्तित्व और योगदान न केवल फिल्मी दुनिया में बल्कि भारतीय समाज में भी अपार है। अमिताभ का नाम सुनते ही एक बड़ी शख्सियत, एक अभिनेता, और एक सम्मानित व्यक्ति का चेहरा हमारे सामने आता है। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी के प्रसिद्ध कवि थे और उनकी माता तेजी बच्चन समाजसेवी थीं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
अमिताभ बच्चन का पूरा नाम अमिताभ हरिवंश राय बच्चन है। उनके पिता ने उनका नाम ‘अमिताभ’ रखा, जिसका अर्थ होता है ‘ऐसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझे’। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शेरवुड कॉलेज, नैनीताल में हुई और बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, शुरू में उनका रुझान अभिनय की बजाय इंजीनियरिंग या आईएएस की तैयारी की तरफ था, लेकिन किस्मत ने उन्हें फिल्मों की दुनिया में लाकर खड़ा कर दिया।
फिल्मी करियर की शुरुआत:
अमिताभ बच्चन का फिल्मी करियर आसान नहीं था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1969 में फिल्म सात हिंदुस्तानी से की, लेकिन यह फिल्म सफल नहीं रही। 1970 के दशक की शुरुआत में उन्हें एक संघर्षशील अभिनेता के रूप में देखा गया, जो अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप भी रहीं। लेकिन 1973 में रिलीज़ हुई फिल्म जंजीर ने उनकी जिंदगी बदल दी। इस फिल्म में उन्होंने एक ‘एंग्री यंग मैन’ का किरदार निभाया, जो दर्शकों के दिलों में बस गया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार बन गए।
सफलता और स्टारडम:
जंजीर के बाद अमिताभ बच्चन की कई हिट फिल्में आईं, जैसे शोले (1975), दीवार (1975), अमर अकबर एंथनी (1977), डॉन (1978), मुकद्दर का सिकंदर (1978) और सिलसिला (1981)। इन फिल्मों में उनकी अदाकारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 1970 और 1980 के दशक में उन्हें ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में जाना जाने लगा, और उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े।
निजी जीवन:
अमिताभ बच्चन का विवाह जया भादुरी से हुआ, जो खुद भी एक मशहूर अभिनेत्री हैं। दोनों के दो बच्चे हैं – अभिषेक बच्चन और श्वेता बच्चन। अभिषेक ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए फिल्मी करियर अपनाया। श्वेता बच्चन ने ग्लैमर की दुनिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन उन्होंने लेखन और फैशन में अपनी पहचान बनाई है।
संकट और संघर्ष:
1980 के दशक के अंत में अमिताभ बच्चन का करियर ढलान पर था। 1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान एक हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई। यह हादसा इतना भयानक था कि पूरे देश ने उनके लिए प्रार्थनाएं कीं। उनकी यह जंग किसी फिल्मी ड्रामे से कम नहीं थी, लेकिन अमिताभ ने इस मुश्किल दौर को पार किया और दोबारा फिल्मों में वापसी की।
1990 के दशक में उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, राजनीति में उनका करियर सफल नहीं रहा और उन्होंने कुछ समय बाद इसे छोड़ दिया।
इसके बाद 1999 में उनकी कंपनी एबीसीएल को भारी नुकसान हुआ, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए। लेकिन 2000 में कौन बनेगा करोड़पति शो से उन्होंने छोटे पर्दे पर वापसी की और इस शो की सफलता ने न केवल उनके करियर को पुनर्जीवित किया, बल्कि उन्हें फिर से आर्थिक स्थिरता भी दिलाई।
वापसी और आधुनिक दौर:
अमिताभ बच्चन की वापसी ने साबित किया कि वह एक सच्चे ‘सुपरस्टार’ हैं। कौन बनेगा करोड़पति के अलावा उन्होंने कई फिल्मों में दमदार अभिनय किया। बागबान (2003), ब्लैक (2005), पा (2009), पीकू (2015), और पिंक (2016) जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं को काफी सराहा गया।
वह न केवल फिल्मों में बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रहते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, और पर्यावरण जैसे कई अभियानों में हिस्सा लिया है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
अमिताभ बच्चन की नेट वर्थ:
2024 तक, अमिताभ बच्चन की नेट वर्थ लगभग 400 मिलियन डॉलर (लगभग 3300 करोड़ रुपये) है। उनकी यह संपत्ति फिल्मों, विज्ञापनों, टीवी शो, और निवेश से आई है। वह बॉलीवुड के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले अभिनेताओं में से एक हैं और उनकी लोकप्रियता विज्ञापन की दुनिया में भी जबरदस्त है।
अमिताभ के पास मुंबई में एक भव्य घर ‘जलसा’ है, जो उनके परिवार का मुख्य निवास है। इसके अलावा उनके पास ‘प्रतीक्षा’ नाम का एक और घर भी है। उनकी कारों का संग्रह भी बेहद शानदार है, जिसमें रोल्स रॉयस, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, और बेंटले जैसी लक्जरी कारें शामिल हैं।
पुरस्कार और सम्मान:
अमिताभ बच्चन को उनके करियर के दौरान अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है और पंद्रह बार फिल्मफेयर पुरस्कार। इसके अलावा उन्हें 2015 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार है।
सरकार ने उन्हें 1984 में पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण, और 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है और उन्हें फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन ऑफ ऑनर’ भी मिला है।
अमिताभ बच्चन की सफलता का राज:
अमिताभ बच्चन की सफलता का मुख्य कारण उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और अनुशासन है। वे हमेशा नई चीजें सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए तैयार रहते हैं। उनकी आवाज, अभिनय की विविधता, और फिल्म चयन में उनकी समझ ने उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सुपरस्टार बनाया है।
अमिताभ बच्चन की प्रेरणा और समाज में योगदान:
अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में जो संघर्ष और सफलताएँ देखी हैं, वे सिर्फ फिल्मी दुनिया तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि समाज में भी उन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया है। उनके सामाजिक कार्य और समाजसेवा के प्रति उनका समर्पण हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। उन्होंने समय-समय पर विभिन्न सामाजिक अभियानों का हिस्सा बनकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है।
स्वास्थ्य और शिक्षा में योगदान:
अमिताभ बच्चन ने कई स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े अभियानों का समर्थन किया है। उन्होंने पोलियो उन्मूलन अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके तहत उनकी आवाज और प्रचार ने पोलियो के खिलाफ जंग में बड़ा असर डाला। भारत में पोलियो मुक्त अभियान को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और उनके इस योगदान को कई बार सराहा गया है।
इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए भी योगदान दिया है। वे अक्सर विभिन्न कार्यक्रमों में शिक्षा का महत्त्व बताते हुए नज़र आते हैं और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए धनराशि भी दान करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता:
अमिताभ बच्चन पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियानों से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को बढ़ावा देने के लिए भी अपनी आवाज दी है और इस अभियान का एक प्रमुख चेहरा बने हैं। इसके साथ ही, उन्होंने जल संरक्षण और वनों की सुरक्षा को लेकर भी कई जागरूकता अभियानों में हिस्सा लिया है।
उनकी आवाज़ और लोकप्रियता ने लोगों को इन अभियानों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है। उनकी प्रतिष्ठा और समाजसेवा के प्रति समर्पण ने समाज में एक बड़ी जागरूकता पैदा की है।
फिल्म इंडस्ट्री में योगदान और नई पीढ़ी के साथ काम:
अमिताभ बच्चन का फिल्म इंडस्ट्री में योगदान केवल उनकी अभिनय प्रतिभा तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने कई नई पीढ़ी के अभिनेताओं के साथ काम किया है और उन्हें प्रेरित किया है। उनके अनुभव, अनुशासन, और अभिनय की गंभीरता ने युवा पीढ़ी के कलाकारों के लिए एक मानक स्थापित किया है। वे हमेशा नई तकनीकों और अभिनय की नई विधाओं को सीखने के प्रति उत्सुक रहते हैं, जो उनकी सफलता का एक बड़ा कारण है।
अमिताभ बच्चन की फिल्मों का चयन भी समय के साथ बदलता गया है। उन्होंने अपने करियर की दूसरी पारी में कई ऐसी फिल्में की हैं जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित थीं, जैसे पिंक और पा। इन फिल्मों के माध्यम से उन्होंने सामाजिक संदेशों को बड़े पर्दे पर लाने का काम किया।
अमिताभ बच्चन का डिजिटल युग में योगदान:
अमिताभ बच्चन ने समय के साथ खुद को बदलने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। वे सोशल मीडिया पर भी बेहद सक्रिय रहते हैं और अपनी बातों को ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने फैंस तक पहुंचाते हैं। उनकी सोशल मीडिया पर बड़ी फैन फॉलोइंग है, और वे अपने विचारों, अनुभवों, और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी बातें साझा करते रहते हैं।
उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति से भी यह साबित होता है कि वे समय के साथ चलने और नई तकनीकों को अपनाने में पीछे नहीं रहते। इससे युवा पीढ़ी के साथ उनकी जुड़ाव और भी मजबूत हो गया है।
संगीत और कविता में रुचि:
अमिताभ बच्चन को अभिनय के अलावा संगीत और कविता में भी गहरी रुचि है। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के महान कवि थे, जिनकी कविताओं से अमिताभ ने काफी प्रेरणा ली है। वे अक्सर अपने पिता की कविताओं को पढ़ते हैं और उन्हें सार्वजनिक मंचों पर प्रस्तुत भी करते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने फिल्मों में गायन भी किया है। उनकी आवाज़ का जादू सिर्फ संवादों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गानों में भी उनकी आवाज़ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। उनके गाए गए गाने मेरे अंगने में और रंग बरसे आज भी दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
भविष्य की योजनाएँ:
अमिताभ बच्चन अब भी फिल्मों में सक्रिय हैं और लगातार काम कर रहे हैं। उनकी आने वाली कई फिल्में चर्चा में हैं, और उनकी अदाकारी का जादू आज भी वैसा ही बरकरार है जैसा उनके करियर के शुरुआती दौर में था। इसके अलावा, वे कौन बनेगा करोड़पति शो के माध्यम से भी लगातार अपने फैंस के बीच बने रहते हैं।
अमिताभ बच्चन की उम्र अब 80 के पार हो चुकी है, लेकिन उनके काम करने का जोश और जज़्बा आज भी युवाओं जैसा ही है। वे हर दिन कुछ नया सीखने और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। उनके काम करने का तरीका और जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक है।